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T20 World Cup: धोनी के मेंटॉरशिप में खेलने में कितने सहज होंगे विराट कोहली?

नई दिल्लीभारत की मेजबनी में यूएई और ओमान में होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप-2021 में महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली की जोड़ी एक बार फिर साथ दिखाई देगी। धोनी का रोल यहां थोड़ा अलग होगा। विराट कोहली जहां मैदान पर मोर्चा संभालेंगे तो धोनी मैदान के बाहर से टीम को मेंटॉर करेंगे। भारत को सबसे अधिक 3 आईसीसी ट्रोफी जितवाने वाले कप्तान धोनी फटाफट क्रिकेट फॉर्मेट के महाकुंभ के लिए मेंटॉर करने के लिए मान गए हैं। एक वर्ष पहले तक टीम इंडिया का हिस्सा रहे महेंद्र सिंह धोनी को आज भी कोहली अपना कप्तान बताते हैं, लेकिन मीडिया में कई मर्तबा दोनों के रिश्ते को लेकर नेगेटिव खबरें आई थीं। हालांकि, कभी उन अफवाहों की पुष्टि नहीं हुई। विराट कोहली ने कभी कुछ नहीं कहा और कैप्टन कूल नाम से मशहूर धोनी तो बड़े से बड़े मामले को सुलझाने में माहिर हैं। अब जब दोनों एक साथ हैं तो सवाल उठता है कि धोनी की मेंटॉरिशप में कोहली खेलने में कितने सहज होंगे? जब विराट को ड्रॉप होने से बचायादेखा जाए तो धोनी अपने फेवरिट 'चीकू' यानी विराट के क्रिकेट करियर के आगाज से लेकर विश्व पटल पर छाने तक हर लम्हें के साक्षी रहे हैं। जब-जब कोहली को जरूरत पड़ी धोनी बैसाखी बनकर उन्हें उबारते नजर आए। इस बारे में पूर्व विस्फोटक ओपनर वीरेंदर सहवाग ने एक वाकये के बारे कहा था- विराट कोहली 2012 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर संघर्ष कर रहे थे। सिलेक्टर्स कोहली की जगह रोहित को टीम में चाहते थे, क्योंकि उनका औसत महज 10.75 का था। धोनी ने यहां कोहली को बैक किया और लगातार मौके दिए। जब कोहली ने कहा धोनी के लिए दो वर्ड- विश्वास और सम्मानयही नहीं, विराट कोहली जिस तीन नंबर पर रेकॉर्डों की बौछार कर रहे हैं, उस पर भी धोनी ने ही मौका दिया था। देते भी क्यों नहीं, वह तो खिलाड़ियों को परखने में माहिर हैं। उन्हें शायद पहले ही कोहली के कैलिबर और पैशन का अंदाजा लग गया था। एक बार विराट कोहली से इंस्टाग्राम पर फैन ने धोनी के बारे में दो वर्ड में कुछ कहने को कहा था तो भारतीय कप्तान ने कहा था- विश्वास और सम्मान। विराट की कप्तानी में होगी खास भूमिकामहेंद्र सिंह धोनी रिटायरमेंट तक कोहली की कप्तानी में अहम भूमिका निभाते रहे। उनकी रणनीति के सभी कायल हैं। परिस्थिति कोई भी हो उसे संभालने में तो जैसे उन्होंने 'PHD' की है। चाहे डीआरएस हो या विकेट के पीछे से गेंदबाजों को मदद करना... उनके फैसले हमेशा से सटीक रहे हैं। ऐसे में वर्ल्ड कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में उनका साथ कोहली की कप्तानी को और भी बेहतर बना सकता है। बता दें कि धोनी ने भारत को 2007 विश्व टी20 खिताबी जीत दिलाई थी, जो इस प्रारूप में पहली विश्व चैंपियनशिप भी थी। इसके बाद उन्होंने 2011 के 50 ओवर के विश्व कप और 2013 चैंपियंस ट्रोफी में भारत को जीत दिलाई। विराट ही नहीं, पूरी टीम को मिलेगा फायदाधोनी उन खिलाड़ियों में शामिल हैं, जो रिटायरमेंट के बाद भी याद किए जाते हैं। खिलाड़ी आउट ऑफ फॉर्म होता है तो धोनी के टीम में रहने और नहीं होने पर उसकी परफॉर्मेंस की तुलना होने लगती है। 'कुलचा' कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल इसके सबसे बड़े उदाहरण हैं। मौजूदा टीम का हर स्टार खिलाड़ी धोनी के रहते ही तोप बना है। चाहें रोहित शर्मा, रविंद्र जडेजा, हार्दिक पंड्या, जसप्रीत बुमराह, भुवनेश्वर कुमार हों या खुद विराट कोहली। इसमें कोई शक नहीं कि धोनी के रहते पूरी टीम को फायदा मिलेगा। 17 अक्टूबर से 14 नवंबर तक खेले जाने वाले T20 वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम: विराट कोहली (कप्तान), रोहित शर्मा (उपकप्तान), केएल राहुल, सूर्यकुमार यादव, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), हार्दिक पंड्या, रविंद्र जडेजा, जसप्रीत बुमराह, भुवनेश्वर कुमार, मोहम्मद शमी, आर.अश्विन, अक्षर पटेल, ईशान किशन, राहुल चाहर और वरुण चक्रवर्ती। स्टैंडबाय: श्रेयस अय्यर, दीपक चाहर और शार्दुल ठाकुर।


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